Monday, November 14, 2016

लानत.........दिव्या माथुर














थोड़ा सा
छेड़ा भर था

रूठ गया
और न लौटा

लानत भेजी
तो भी न गया

तुझ से अच्छा
है ख़याल तेरा

दिव्या माथुर

लेखक परिचय

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