Thursday, May 25, 2017

बुरा क्या है हकीकत का अगर इज़हार हो जाए.....सतविन्दर कुमार

किसी मरते को जीने का वहाँ अधिकार हो जाए
अगर सहरा में पानी का ज़रा दीदार हो जाए

ये गिरना भी सबक कोई सँभलने के लिए होगा
मिलेगी कामयाबी हौंसला हर बार हो जाए

वफ़ा करके नहीं मिलती वफ़ा सबको यहाँ यारो
किसी की जीत उल्फत में,किसी की हार जाए

कि खुलकर आज कह डालो दबी है बात जो दिल में
*बुरा क्या है हकीकत का अगर इज़हार हो जाए*

खमोशी को हमेशा ही समझते हो क्यों कमजोरी?
यही गर्दिश में इंसाँ का बड़ा औज़ार हो जाए

सितमगर सोच कर करना सितम तू और लोगों पर
यही तेरी ख़ता उनका कहीं हथियार हो जाए
-सतविन्दर कुमार
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